Tuesday, June 12, 2018

चाह मिटी चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह



धन किसलिए है चाहता तू आप मालामाल है।
सिक्के सभी जिससे बने तू वह महा टकसाल है।।
चाह न कर चिंता न कर चिंता ही बड़ी दुष्ट है।
है श्रेष्ठ से भी श्रेष्ठ मगर चाह करके भ्रष्ट है।।
है श्रेष्ठ से भी श्रेष्ठ  मगर चाह  करके भ्रष्ट है

चाह मिटी चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह |
जिनको कुछ न चाहिए, वो शाहं के शाह ||






माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥
तिनका कबहुँ ना निंदये, जो पाँव तले होय ।
कबहुँ उड़ आँखो पड़े, पीर घानेरी होय ॥
गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में करते याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
साईं इतना दीजिये, जा मे कुटुम समाय ।
मैं भी भूखा न रहूँ, साधु ना भूखा जाय ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
कबीरा ते नर अँध है, गुरु को कहते और ।
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर ॥
माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर ।
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर ॥
रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।
हीरा जन्म अमोल था, कोड़ी बदले जाय ॥
दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥
साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै थोथा देई उडाय॥
साँई इतना दीजिए जामें कुटुंब समाय ।
मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भुखा जाय॥
जो तोको काँटा बुवै ताहि बोव तू फूल।
तोहि फूल को फूल है वाको है तिरसुल॥
उठा बगुला प्रेम का तिनका चढ़ा अकास।
तिनका तिनके से मिला तिन का तिन के पास॥
सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं हरि गुण लिखा न जाइ॥
साधू गाँठ न बाँधई उदर समाता लेय।
आगे पाछे हरी खड़े जब माँगे तब देय॥


Tuesday, January 16, 2018

*गुड़ खाने से 18 फायदे*

*गुड़ खाने से 18 फायदे*
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1- गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत l
2- खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं।
इसके लिए सबसे बेहतर है
कि आप गुड़ खाएं।गुड़ का सेवन करने से आप
हेल्दी रह सकते हैं
3 - पाचन क्रिया को सही रखना
4 - गुड़ शरीर का रक्त साफ
करता है और मेटाबॉल्जिम
ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध
के साथ गुड़ का सेवन पेट को
ठंडक देता है। इससे गैस की
दिक्कत नहीं होती।जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं..
5 - गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है।इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है।खासतौर पर महिलाओं के
लिए इसका सेवन बहुत
अधिक ज़रुर है.
6 - त्वचा के लिए, गुड़ ब्लड से
खराब टॉक्सिन दूर करता है,
जिससे त्वचा दमकती है और
मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
7 - गुड़ की तासीर गर्म है,
इसलिए इसका सेवन जुकाम
और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप
कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं
तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
8 - एनर्जी के लिए - बुहत
ज़्यादा थकान और कमजोरी
महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी
लेवल बढ़ जाता है।गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता. दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
9 - गुड़ शरीर के टेंपरेचर को
नियंत्रित रखता है।इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
10 - जोड़ों के दर्द में आराम--
रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
11- गुड़ के साथ पके चावल
खाने से बैठा हुआ गला व
आवाज खुल जाती है।
12 - गुड़ और काले तिल के
लड्डू खानेसे सर्दी में अस्थमा
की परेशानी नहीं होती है।
13 - जुकाम जम गया हो, तो
गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी
बनाकर खिलाएं।
14 - गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
15 - भोजन के बाद गुड़ खा
लेने से पेट में गैस नहीं बनती.
16 - पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम
गुड़ के साथ लेने से पीलिया
रोग में लाभ होता है।
17 - गुड़ का हलवा खाने से
स्मरण शक्ति बढती है।
18 - पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खानेसे श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

Food habits in Ayurved

The more you let Ayurveda and Yoga become the basis for your living, the easier living gets. Here are Some Ancient Indian Health Tips. - quo...